Bharat Express

World Population Day: 8 अरब लोगों का भविष्य और विश्व जनसंख्या दिवस 2023

World Population Day: देशभर में बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल इसे एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है.

world polulation day

प्रतीकात्मक तस्वीर

World Population Day: 80 के दशक के आखिरी दौर में 11 जुलाई 1989 को यूनाइटेड नेशन ने ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाने का फैसला लिया था. 11 जुलाई 1987 तक वैश्विक जनसंख्या का आंकड़ा 5 अरब पार कर गया जिसको लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता व्यक्त की थी. जिसके परिणाम स्वरुप यूनाइटेड नेशन ने 11 जुलाई 1989 को बढ़ती आबादी को काबू करने और परिवार नियोजन के लिए लोगों को जागरूक करने उद्देश्य से वैश्विक स्तर पर मनाने का फैसला लिया.

विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने का उद्देश्य बढ़ती आबादी से जुड़ी समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है. वर्तमान समय में दुनियाभर में बढ़ती आबादी कई गंभीर समस्याओं का कारण बनती जा रही है. किसी भी देश की जनसंख्या मानव बल के तौर पर उसके लिए उपयोगी हो सकती है, पर अनियंत्रित जनसंख्या उस देश के लिए परेशानी का बड़ा कारण भी बन जाती है क्योंकि हर तरह के संसाधन सीमित ही होते हैं. ग़रीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, अपराध बढ़ती हुई अनियंत्रित जनसंख्या की ही देन है.

विश्व जनसंख्या दिवस 2023 की थीम

देशभर में बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल इसे एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व जनसंख्या दिवस 2023 की थीम- ‘एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जहां 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो’ है.

विश्व जनसंख्या में बढ़ोतरी

वैश्विक जनसंख्या बढ़कर 1 अरब होने में सैकड़ों हजारों वर्ष लग गए थे लेकिन, बाद के 200 वर्षों में यह संख्या सात गुना बढ़ गई. 2011 में वैश्विक जनसंख्या 7 बिलियन के आंकड़े तक पहुंच गई और 2021 में जनसंख्या लगभग 7.9 बिलियन हो गई थी. 2030 में वैश्विक जनसंख्या को बढ़कर लगभग 8.5 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. अगर वैश्विक जनसंख्या के बढ़ती हुई तेजी को देखा जाए तो यह उम्मीद की जा सकती है कि 2050 में 9.7 बिलियन और 2100 में 10.9 बिलियन तक वैश्विक जनसंख्या पहुंच जाएगी.

प्रजनन दर में कमी तो जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी दर्ज

वैश्विक जनसंख्या के बढ़ने के साथ ही प्रजनन दर और जीवन प्रत्याशा में भारी बदलाव देखा गया है. 70 के दशक की शुरुआत में हर महिला के औसतन 4.5 बच्चे थे लेकिन 2015 में यह दर कम होते हुए प्रजनन क्षमता प्रति महिला 2.5 बच्चों से कम हो गई थी. वहीं वैश्विक औसत आयु 90 के दशक की शुरुआत में 64.6 वर्ष से बढ़कर 2019 में 72.6 वर्ष दर्ज की गई है.

विश्व जनसंख्या दिवस के दिन की विशेषता

विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े हुए मुद्दों पर खुलकर बात की जाती है और अनियंत्रित जनसंख्या के विस्तार को रोकने जेंडर इक्वलिटी, जेंडर एजुकेशन, गर्भनिरोधक दवाओं के इस्तेमाल जैसे गंभीर विषयों पर कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read