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कौन बनेगा पाकिस्तान का नया आर्मी चीफ,नवाज़ शरीफ के साथ हो रही है नए नामों पर चर्चा

पाकिस्तान में नए आर्मी चीफ की नियुक्ति में नवाज़ शरीफ की दिलचस्पी क्यों?

पड़ोसी देश पाकिस्तान में  नया आर्मी चीफ कौन बनेगा? इस मुद्दे पर हलचल तेज हो गयी है। पता चला है कि जब मुल्क के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने समरकंद गए हुए थे तब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मौजूदा आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के साथ खुफिया मुलाकातें कर रहे थे.इन खुफिया मुलाकातों ने नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ की सिरदर्दी बढ़ा दी.पाकिस्तान में हर प्रधानमंत्री अपनी पसंद का आर्मी चीफ नियुक्त करता आया है लेकिन येे अलग बात है कि आगे चलकर उसकी आर्मी चीफ के साथ दूरियां बढ़ जाती हैं.यही इमरान खान के साथ भी हुआ.उनकी सरकार भी पांच साल पूरे नहीं  कर पाई.पाकिस्तान का इतिहास है कि वहां कोई भी  चुनी हुई सरकार पांच साल पूरी नहीं कर पाती है.

लंदन में नवाज़ के घर बैठक

लेकिन अब पता चला है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लंदन स्थित घर में सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएलएन के नेताओं की बैठक चल रही है जिसमें नया आर्मी चीफ कौन बने,इस बारे में चर्चा चल रही है मौजूदा आर्मी चीफ का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है.

पाकिस्तान का नया आर्मी चीफ कौन?

प्रधानमंत्री नियुक्त करता है नया आर्मी चीफ

पाकिस्तान में नए आर्मी चीफ की नियुक्ति प्रधानमंत्री खुद करता है.मतलब ये कि मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ नये सेनाध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे.लेकिन प्रधानमंत्री किसे बनाया जाए ,ये उनके बड़े भाई नवाज शरीफ ही तय करेंगे.शहबाज शरीफ सिर्फ नए आर्मी चीफ का नाम आगे बढ़ाएंगे. पाकिस्तान के एक फेडरल मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ अभी लंदन में हैं और वहां नए आर्मी चीफ को लेकर चर्चा जारी है.

क्यों अड़े हैं इमरान खान?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का मानना है कि आर्मी चीफ उनकी मर्जी का हो,इसलिए अब वह मौजूदा आर्मी चीफ बाजवा को सेवा विस्तार देना चाहते हैं.शायद चंद खुफिया मुलाकातों के बाद दोनों के रिश्तों में जमी हुई बर्फ पिघल गयी हो.पाकिस्तान में इमरान खान की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है,यहां तक कि विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी चाहते हैं कि इमरान को ही दोबारा सत्ता सौंपी जाए.इमरान के जलसों में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ रही थी .उन्होंने आर्मी चीफ का नाम ना लेते हुए उन पर निशाना साधा.इमरान ने यहां तक कहा कि न्यूट्रल तो जानवर होते हैं.उनका आशय ये था कि बाजवा जल्द चुनाव कराने का ऐलान करें और उनको दोबारा सत्ता में लाएं

जनरल बाजवा ही लाए थे इमरान को

पाकिस्तान में फौज सबसे ताकतवर संस्था है.किसे प्रधानमंत्री बनाना है और किसे कुर्सी से उतारना है ,ये फौज ही तय करती है.नवाज शरीफ के बाद इमरान खान को जनरल बाजवा और पूर्व आईएसआई चीफ जनरल फैज हामिद ही सत्ता में लाए थे.लेकिन उसके बाद इमरान चाहते थे कि फैज हामिद को ही अगला आर्मी चीफ बनाया जाए,जिसे लेकर जनरल बाजवा और इमरान में ठन गयी.इसके बाद इमरान ने जनरल बाजवा पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिका के साथ मिलकर साजिश रची और उनकी कुर्सी छीन ली.पाकिस्तान में एंटी अमेरिका सेंटीमेंट बहुत ज्यादा है लिहाजा इमरान का ये नैरेटिव घर-घर में सेट हो गया.पाकिस्तान की जनता को भी लगा कि ये इमरान के  खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अमेरिका के दबाव के तहत ही लाया गया है.इसके बाद इमरान की लोकप्रियता बुलंदियां छूने लगीं

भारत एक्सप्रेस

 

 

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