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new parliament building

Central Vista Redevelopment: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को हलफनामे के जरिए योजना में संशोधन की आवश्यकता पर सरकार की प्रतिक्रिया बताने के लिए कहा है.

नया भवन मिल जाने के बाद पुरानी इमारत के उपयोग के सवाल को भी मोदी सरकार ने परिपक्वता से हल किया है।

देश की राजनीति में महिलाओं की स्थिति दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है. संसद-विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश हो चुका है. अगर ये विधेयक कानून बन जाता है तो देश की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी 33 फीसदी हो जाएगी.

महिला आरक्षण लागू होने से देश की तस्वीर बदलेगी. लोकसभा, विधानसभा, विधान परिषदों में महिलाओं की संख्या बढ़गी. जिससे सरकार से लेकर निजी क्षेत्रों तक उनकी पहुंच होगी. बिल को कानूनी दर्जा मिलने के बाद आधी आबादी देश के विकास में भी बढ़-चढ़कर योगदान के लिए आगे आ सकेगी.

ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने प्रतिष्ठित पुरानी इमारत को डिजाइन किया था. इसका निर्माण 1927 में कराया गया था.

संसद के विशेष सत्र का आज (19 सितंबर) को दूसरा दिन है. भारतीय राजनीति के इतिहास में आज का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है.

संविधान के अनुच्छेद 85 में संसदीय सत्र बुलाए जाने का जिक्र है. आमतौर पर संसद में तीन बार सेशन बुलाए जाने की परंपरा है. विशेष सत्र को बुलाने पर अंतिम फैसला राष्ट्रपति लेते हैं. हालांकि, रूल बुक में विशेष सत्र पर किसी तरह का कोई जिक्र नहीं है.

पुराने संसद भवन का शिलान्यास 1921 में प्रिंस ऑर्थर ने किया था और 6 साल बाद 1927 में इसका उद्घाटन किया गया. प्रिंस ऑर्थर यूके की महारानी विक्टोरिया के तीसरे बेटे थे. उस समय निर्माण में कुल 83 लाख रुपये की लागत आई थी. प्रशासनिक निर्माण की जिम्मेदारी आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दी गई थी.

नए संसद भवन में संसद कर्मचारी नई ड्रेस पहनेंगे. इस ड्रेस में नेहरू जैकेट और खाकी रंग की पैंट शामिल है. ब्यूरोक्रेट्स बंद गले सूट की जगह मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहनेंगे. उनकी शर्ट भी कमल के फूल के डिजाइन के साथ गहरे गुलाबी रंग में होगी.

संसद के विशेष सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री ने पुरानी संसद के गौरवमयी इतिहास को याद किया. सत्र का दूसरा दिन नए संसद भवन में होगा. केंद्र 4 अहम बिलों के साथ इस बार सदन में उतर रहा है. तो वहीं विपक्ष 9 मुद्दों पर केंद्र को घेरने की तैयारी कर चुका है.