Bharat Express

तीनों राज्यों में स्पष्ट बहुमत के साथ मिली जीत में कई स्थानीय कारणों की भी हिस्सेदारी है, लेकिन इसका केन्द्रीय तत्व निश्चित ही प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और उनके प्रति मतदाताओं का अटूट विश्वास है।

वायु प्रदूषण के कारण एक नहीं, अनेक हैं। सिर्फ किसान नहीं, उद्योग-धंधे और हमारे जीवन-स्तर में आया बदलाव इसके लिए जिम्मेदार हैं।

हर बीते दिन के साथ व्यापक हो रहे इजरायल-हमास युद्ध में एक तरफ इजरायल के साथ पश्चिम देश और अमेरिका हैं, तो दूसरी तरफ हमास के हमदर्द ज्यादातर इस्लामिक देश, रूस और चीन हैं।

सवाल ये है कि अरब देश हमास को कितनी मदद कर पाएंगे? दूसरा ये कि क्या वे खुद इजरायल-अमेरिका-यूरोपीय यूनियन की तिकड़ी से बच पाएंगे?

पिछले कुछ समय से हमारी विदेश नीति का कमाल रहा है कि हम ईरान, अरब देशों और इजरायल के साथ एक साथ दोस्ताना रिश्ते निभा रहे हैं।

यह बात साफ है कि हमास के हमले से फिलिस्तीनियों का संघर्ष कमजोर हो गया है। अपनी जमीन हासिल करने और आजादी एवं संप्रभुता का उनका लक्ष्य इस बर्बर घटना के बाद कोसों दूर चला गया है।

पिछली बार जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब जातीय राजनीति की लहर ने बीजेपी ब्रांड के हिंदू ध्रुवीकरण को सफलतापूर्वक चुनौती दी थी।

अगर बात वाकई इतनी आगे जा चुकी है तो सत्ता बचाने के चक्कर में ट्रूडो निश्चित ही आग से खेल रहे हैं। और इस बात को उनके अलावा पूरी दुनिया समझ रही है।

नया भवन मिल जाने के बाद पुरानी इमारत के उपयोग के सवाल को भी मोदी सरकार ने परिपक्वता से हल किया है।

वैश्विक कूटनीति के संदर्भ में यह भारत को लेकर आया एक बड़ा बदलाव है और इसका श्रेय पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही जाता है।