Bharat Express

कहीं आपको भी तो नहीं होती बार-बार दाद, खाज और खुजली, जानें ठीक होने के बाद भी क्यों लौट आती है ये बीमारी

बारिश के मौसम में अधिकांश लोग किसी न किसी तरह से खुजली की समस्या से परेशान रहते हैं.

फंगल इंफेक्शन

फंगल इंफेक्शन

Fungal Infection: बारिश के मौसम में अधिकांश लोग किसी न किसी तरह से खुजली की समस्या से परेशान रहते हैं. सबसे बड़ी परेशानी तब होती है, जब लोग खुजली का इलाज तो करा लेते हैं, उससे ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन कुछ समय बाद यही खुजली फिर से उभर आती है. एक तरह से एक-दो महीने पर हमेशा खुजली शरीर के किसी हिस्से में रहती ही है. माना जाता है कि भारत में फंगल इंफेक्शन बहुत बड़ी समस्या है. यहां अधिकतर लोग किसी न किसी कारण से फंगल इंफेक्शन के शिकार होते हैं. लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? जिसके के कारण दाद, खाज, खुजली को ठीक करना मुश्किल हो रहा है. तो चलिए जानते है कि आखिर क्या है फंगल इंफेक्शव के इलाज का तरीका.

क्या है फंगल इंफेक्शन से बचने के तरीके?

अगर आपके शरीर में दाद या खुजली हो या फिर स्किन पर पपड़ी की तरह छाले निकल जाएं, लाल चकत्ते दिखें तो सिर्फ इसके घरेलू इलाज पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. यदि आपने समय रहते इसका इलाज नहीं करवाया तो यह इंफेक्शन बहुत तेजी से फैलने लगता है और शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है. अगर आप फंगल इंफेक्शन से बचना चाहते है तो सबसे पहले साफ-सफाई का ध्यान रखें. दूसरे के तौलिये, कंघी या ब्रश का इस्तेमाल न करें. हाइजीन का ध्यान रखते हुए भीड़-भाड़ इलाके में दूसरे की स्किन से संपर्क न हो, इसका ध्यान रखें. इसके बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर जितने दिनों तक दवा दें, उतने दिनों तक खाएं. बीच में अगर ठीक भी हो जाए तो इसे छोड़ें नहीं. अमूमन लोग राहत मिलने पर दवा या क्रीम लगाना छोड़ देते हैं जिसके कारण खुजली दोबारा उभर आती है.

ये भी पढ़ें:‘लापतागंज’ के ‘चौरसिया’ का दिल का दौरा पड़ने से निधन, पैसे की तंगी से थे तनावग्रस्त

फंगल इंफेक्शन के पीछे का कारण

कई लोगों को लगता है कि कोई क्रीम लगा लेने से या फिर घरेलू उपचार करने से फंगल इंफेक्शन खत्म हो जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हैं. इसका सही इलाज कराने के लिए सबसे पहले हमें यह जानना जरूरी है कि दाद, खाज, खुजली किस तरह के फंगस से होता है. बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के फंगस होते है क्योंकि देश में हर तरह की जलवायु है. फंगस की टी. मेटाग्रोफाइट्स, जो टीनिया या रिंगवर्स प्रजाति अक्सर मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों की नमी वाले वातावरण में पाई जाती हैं. ये अक्सर सामान्य रूप से दिल्ली, लखनऊ और हैदराबाद जैसे शहरों में पाए जाते हैं. इनके लिए अलग-अलग इलाज है जिसे कई दिनों तक कराना पड़ता है, लेकिन ज्यादातर खुजला से परेशान लोग कुछ दिनों तक क्रीम लगाते हैं और जैसे ही कुछ राहत मिलती है कि उसे लगाना छोड़ देते है. जिसकी वजह से खुजली दोबारा उभर आती है.

-भारत एक्सप्रेस 

Bharat Express Live

Also Read

Latest