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जहां चुनौती होती है वहां उतनी ही बड़ी संभावनाएं होती हैं- ब्यूरो ऑफिस के उद्घाटन के मौके पर बोले भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन ने कहा कि आज की पत्रकारिता चुनौतियों से भरी हुई है. जितना ज्यादा जीवन कठिन होता है, वहां जीवन जीने के उतने आयाम पैदा होते रहते हैं.

upendra rai

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय की मौजूदगी में ब्यूरो ऑफिस का शनिवार को उद्घाटन हुआ. हाई कोर्ट के जज जस्टिस विवेक कुमार सिंह ने फीता काटकर भारत एक्सप्रेस के नए ऑफिस का उद्घाटन किया. इस दौरान जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव, न्यायाधीश गौतम चौधरी, जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र और जस्टिस नीरज तिवारी भी मौजूद रहे. इस खास मौके पर शहर की कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी मौजूद रहीं. इस दौरान ‘पत्रकारिता का समाज में महत्व’ विषय पर भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने अपने विचार व्यक्त किए.

भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन उपेंद्र राय ने अपने संबोधन में कहा, “आदमी के अंदर का परिवर्तन हमेशा महत्वपूर्ण होता है, आदमी अंदर से रुपांतरित होना चाहिए, स्थान कभी रुपांतरित नहीं कर पाता क्योंकि मैंने देखा है कि लोग हिमालय पर तप करने जाते हैं लेकिन वहां भी घर बना लेते हैं. जगहों पर पहुंचने से कोई बहुत अंतर नहीं पड़ता है.”

वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय ने ‘पत्रकारिता का समाज में महत्व’ विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा,” ऐसा कहा जाता है कि नारद मुनि पहले पत्रकार हुए जो बिना किसी वीआईपी, किसी देवता, बिना किसी प्रभाव को समझते हुए जैसा सच होता था, वह बयां कर देते थे. वे तीनों लोक में घूमते रहते थे. आज की पत्रकारिता चुनौतियों से भरी हुई है. जितना ज्यादा जीवन कठिन होता है, वहां जीवन जीने के उतने आयाम पैदा होते रहते हैं. अगर चुनौती ही न हों तो पत्रकारिता कैसी और चुनौती से जो भागे, वह न तो बेहतर इंसान होता है और न ही पत्रकार होता है और न तो समाज के लिए बहुत उपयोगी होता है.”

उन्होंने कहा, “इस मंच पर पांच माननीय न्यायमूर्ति बैठे हुए हैं और सही अर्थों में कहा जाए तो पत्रकारिता का भी काम भी न्याय करने जैसा ही है. जिस भरोसे से लोग अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं, वह भरोसा बहुत बड़ा है, बहुत पवित्र है. इसके बाद दूसरा भरोसा कहा जाए तो वह पत्रकारिता है जिसके पास लोग भरोसे से फोन करते हैं और अखबारों के दफ्तर पहुंचते हैं और चाहते हैं कि उनकी आवाज वहां पहुंचाई जाए, जहां से उनको न्याय मिल सके.”

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन ने कहा, “एक तो न्याय है जो न्याय के मंदिर में मिलता है, एक न्याय समाज और कानून-व्यवस्था को देखने वाले, चलाने वाले अदालत पहुंचने से पहले भी देते हैं, जो उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है और उन प्राथमिक जिम्मेदारियों की तरफ ध्यान कौन खींचता है? उनकी तरफ ध्यान यही अखबार खींचते हैं. यही समाचार चैनल, रेडियो खींचते हैं. ”

-भारत एक्सप्रेस

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