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बुजुर्ग पिता ने बेटे-बेटियों को सिखाया सबक, करोड़ों की सम्पत्ति कर दी सरकार के नाम, देह भी किया दान

Muzaffarnagar: मामला यूपी के उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर का है. बुजुर्ग नत्थू सिंह ने अपने बच्चों से अपने अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया है. मामला इलाके में चर्चा का विषय बना है.

UP News

नत्थू सिंह राजपूत (फोटो सोशल मीडिया)

UP News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा है. एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को उनके बेटे-बेटियों ने वृद्धा आश्रम में छोड़ा तो उन्होंने सबक सिखाने के लिए करोड़ों की सम्पत्ति यूपी सरकार के नाम कर दी और उनसे अपने अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना तहसील क्षेत्र का है. यहां के बिराल गांव के रहने वाले 80 वर्षीय नत्थू सिंह राजपूत के एक बेटा और तीन बेटियां हैं, लेकिन किसी के पास भी उनकी देखभाल का समय नहीं है. इसके कारण वे पिछले चार महीने से खतौली के वृद्धाश्रम में रह रहे हैं. अपने बच्चों से मिले इस तिरस्कार ने उनको इतना दुखी कर दिया कि उन्होंने करोड़ों की सम्पत्ति यूपी सरकार के नाम कर दी.

बताया जा रहा है कि बुजुर्ग नत्थू सिंह राजपूत ने अपनी सारी संपत्ति को सरकार (राज्यपाल) के नाम करने का फैसला लिया है. बताया गया है कि नत्थू सिंह के पास करीब डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति है. उनका एक ही बेटा है, जो सहारनपुर में सरकारी शिक्षक है. उन्होंने संपत्ति की वसीहत में कहा है कि इस जमीन पर स्कूल या फिर अस्पताल बनाया जाए. इसके साथ ही बुजुर्ग ने बच्चों से अपने अंतिम संस्कार का भी हक छीन लिया है. ये पूरा मामला इलाके में चर्चा का विषय बन गया है, बताया जा रहा है कि, नत्थू सिंह राजपूत ने अपनी चारों बेटियों की शादी संपन्न परिवारों में की है, लेकिन अब उनकी देखभाल के लिए न तो बेटे के पास वक्त है न बेटियों के पास. इस बात को लेकर बुजुर्ग बहुत ही दुखी हैं.

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देह भी कर दी दान

दुखी नत्थु सिंह राजपूत ने जहां एक ओर अपनी सम्पत्ति यूपी सरकार को दे दी है तो वहीं उन्होंने अपनी देह भी शोध के लिए दान कर दी है. बुढ़ना तहसील के सब रजिस्ट्रार पंकज जैन ने बताया कि नत्थू सिंह ने अपनी संपत्ति राज्यपाल उत्तर प्रदेश के नाम कर दी है. वसीहत में उन्होंने कहा है कि मेरे मरने के बाद इस संपत्ति पर स्कूल या फिर अस्पताल बनाया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा है कि देहांत के बाद उनके शरीर पर शोध या अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाए.

-भारत एक्सप्रेस

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