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UP News: बिजली कर्मियों की हड़ताल से यूपी में त्राहि-त्राहि, 3 हजार से अधिक कर्मचारी बर्खास्त, 22 कर्माचारी नेता सहित 29 पर एस्मा, सरकार से बातचीत में नहीं बनी बात

Lucknow: प्रदेश भर में निजीकरण के विरोध में संविदा कर्मियों ने तीन दिन से कर रखी है हड़ताल, जिससे पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

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ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से बात करते कर्मचारी, (ऊपर), अपनी बात को रखते कर्मचारी (नीचे)

UP News: तीन दिन से बिजली कर्मियों की हड़ताल की हड़ताल से प्रदेश भर के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. ग्रामीण के साथ ही शहर के लोगों को भी भीषण कटौती का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के चलते हुए फॉल्ट के बाद तो स्थिति और भी खराब हो गई है. कर्मचारी फॉल्ट ठीक करने नहीं पहुंच रहे हैं. तो वहीं हड़ताल को लेकर प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाई है. प्रदेश भर में कम से कम तीन हजार से अधिक संविदा कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है और 29 पर एस्मा लगाया गया है. बावजूद इसके कर्मचारी काम पर वापस लौटने के लिए तैयार नहीं हैं. बता दें कि करीब एक लाख कर्मी काम पर नहीं आ रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने की स्थिति की समीक्षा

शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की समीक्षा की और बिजली आपूर्ति में बाधा डालने तथा आराजकता फैलाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं पावर कॉरपोरेशन ने 16 अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलम्बित कर दिया है. इसके साथ ही तीन हजार से अधिक संविदा कर्मी बर्खास्त किए गए हैं. 22 कर्मचारी नेता सहित 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत कार्रवाई की गई है. सात मैनपावर एजेंसी के प्रबंधकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.

जारी रहेगा हड़ताल

कार्रवाई के बाद भी हड़ताली वापस लौटने को तैयार नहीं हैं. यानी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का उन पर कोई असर नहीं हो रहा है, ऊपर से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने सरकार को चुनौती देते हुए हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है. इसके साथ ही सरकार को गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी है. कॉरपोरेशन का दावा है कि प्रदेश में 18 से 24 घंटे आपूर्ति की जा रही है.

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क्या बोले ऊर्जा मंत्री?

उर्जा मंत्री एके शर्मा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि हम कर्मचारियों से काम पर लौटने और वार्ता की लगातार अपील कर रहे हैं. मार्च में हड़ताल से राजस्व का नुकसान हो रहा है. भारी कर्ज के चलते कर्मचारियों की अनर्गल मांगे पूरी नहीं की जा सकती हैं. विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 1332 संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, अगर नहीं माने तो हज़ार लोगों को बर्खास्त करेंगे. इसी के साथ उन्होंने कल दोपहर कहा था कि अब से 4 घण्टे की मोहलत देता हूं. अगर संविदाकर्मी काम पर उपस्थित नहीं होंगे तो बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी. इसी के साथ उन्होंने कहा कि नौकरी जब चली जाती है, तब इसका अहसास होता है. आप अपने लिए नहीं तो परिवार के लिए सोचें.

-भारत एक्सप्रेस

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