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UP: अपर्णा यादव को लोकसभा चुनाव लड़ाएगी BJP! दिल्ली में शीर्ष नेताओं के साथ हुई मुलाकात, सीट को लेकर बढ़ रहा सस्पेंस

Aparna Yadav: मुलायम सिंह के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने लखनऊ में सपा के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

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अपर्णा यादव (फोटो ट्विटर)

UP Politics: उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता रहे मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) बीजेपी के टिकट पर अगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसी अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थीं, लेकिन इन बातों को तब बल मिला गया जब वह दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात करने पहुंची. बताया जा रहा है कि वह चुनाव के सिलसिले में ही दिल्ली आईं और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और महासचिव सुनील बंसल से मुलाकात की. इसके बाद से ही यूपी की सियासत में अपर्णा यादव के चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. जानकारों का मानना है कि वह खुद चुनाव लड़ना चाहती हैं.

खबरों के मुताबिक, अपर्णा यादव की दोनों वरिष्ठ नेताओं से अलग-अलग कमरों में बातचीत हुई. करीब 40 मिनट तक चुनाव के संदर्भ में बात हुई. इसके बाद जब अपर्णा बीजेपी दफ्तर से बाहर निकली तो काफी खुश नजर आ रही थीं.

सीट को लेकर हो सकती है रस्साकशी

हालांकि इस सब खबरों के बीच अपर्णा यादव ने यह साफ कर दिया है कि वह चुनाव लड़ेंगी, लेकिन अपने परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ मैदान में दांव नहीं लगाएंगी.  वहीं दूसरी तरफ अब यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि बीजेपी भी अपर्णा को चुनाव का टिकट दे सकती है, इसलिए उनकी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात हुई है. इसके साथ ही अब यह भी सवाल उठना शुरू गया है कि जब वह अपने परिवार के सामने चुनाव नहीं लड़ेगी तो वह किस सीट से चुनाव लड़ सकती हैं, क्योंकि चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से डिंपल यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव के अलावा कई और सीटों पर यादव परिवार के ही सदस्य को ही चुनाव लड़ाया जा सकता है.

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बता दें कि मुलायम सिंह के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने लखनऊ में सपा के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने फिर लोकसभा चुनाव के लिए संभल जिले से टिकट मांगा, लेकिन सपा की लिस्ट में उनका नाम नहीं था. माना जाता है, मुलायम उन्हें वहां से लड़ाने के लिए तैयार थे, लेकिन अखिलेश यादव ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया था. उनकी जगह पर शफीकुर रहमान को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने वहां से जीत हासिल की.

– भारत एक्सप्रेस

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