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अनोखी शादी: जेल में सजा काट रहे दो मुल्जिम बने समधी, पैरोल पर छूटकर की बच्चों की शादी

बेटा सुमित सिंह भी अपने पिता के साथ जेल की सजा काट रहा था और 10 साल की सजा पूरी होने पर वह कुछ दिनों पहले जेल से रिहा हुआ था.

आजीवन कारावास या उम्रकैद की सजा काट रहे दो कैदी जेल में ही आपस में समधी बन गए. यह किस्सा कौशांबी जिले का है. दोनों कैदियों ने अपने बेटे और बेटी का बुधवार को विवाह कर दिया. शासन द्वारा उन्हें पैरोल पर भेजा गया, जिससे वह आपने बेटा-बेटी के रिश्ते की सभी रस्मों को पूरा कर पए.

कौशांबी जिला जेल

कौशांबी जिला जेल प्रभारी जेलर भूपेश सिंह ने बताया कि जिले के पिपरी थाना क्षेत्र के कटहुला गांव निवासी धारा सिंह को कई साल पहले हुए एक हत्याकांड में दोषी करार दिया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
उन्होंने बताया कि जेल में ही धारा सिंह की मुलाकात अर्जुन यादव से हुई जो गांव में हुई एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. जेल में दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई और धारा सिंह और अर्जुन सिंह ने जेल में ही अपने बच्चों का रिश्ता तय कर दिया.

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बेटा भी काट रहा था सजा

जेलर ने बताया कि धारा सिंह का बेटा सुमित सिंह भी अपने पिता के साथ जेल की सजा काट रहा था और 10 साल की सजा पूरी होने पर वह कुछ दिनों पहले जेल से रिहा हुआ था. अर्जुन सिंह को धारा सिंह का बेटा सुमित सिंह अपनी बेटी के लिए योग्य वर लगा. अर्जुन सिंह और धारा सिंह को विवाह की रस्मों को निभाने के लिए बुधवार को जेल से पैरोल पर छोड़ा गया और धारा सिंह का 26 वर्षीय बेटा सुमित, अर्जुन सिंह के घर बारात लेकर पहुंचा. विवाह की रस्में अदा करने के लिए पुलिस अर्जुन सिंह और धारा सिंह को लेकर वैवाहिक समारोह में पहुंची. भूपेश सिंह ने बताया कि शासन से स्वीकृत आदेश के अनुसार अर्जुन सिंह को 21 दिन की पैरोल जबकि धारा सिंह को चार दिन की पैरोल पर छोड़ा गया है.

-भाषा

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