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मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल की सफल सर्जरी, AIIMS के डॉक्टरों ने 90 सेकेंड में किया ऑपरेशन, अंगूर के बराबर दिल के बंद वॉल्व को खोला

Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की इस सफलता पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने डॉक्टरों की टीम को इस सफल प्रोसीजर के लिए बधाई दी.

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Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने 90 सेकंड में एक महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल को ठीक कर बड़ी कामयाबी हासिल की है. अपने तरह का यह एक बहुत ही जटिल मामला था जिसमें ए्म्स का डाक्टरों ने कामयाबी पाई है. इस मामले की जानकारी AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों ने दी है. चिकित्सकों से इस बात की जानकारी मिली है कि मां के गर्भ में पल रहे शिशु का दिल अंगूर की तरह ही बहुत छोटा था. जिसका सफल बैलून डाइलेशन किया गया है. बताया जा रहा है कि देश में पहली बार इस तरह की चिकित्सकीय प्रक्रिया अपनाई गई है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई

दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की इस सफलता पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने डॉक्टरों को इस सफल प्रोसीजर के लिए बधाई दी. अपने ट्वीट में बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि 90 सेकंड में भ्रूण के अंगूर के आकार के दिल पर सफल दुर्लभ प्रक्रिया करने के लिए मैं डॉक्टरों की टीम @AIIMS_NewDelhi को बधाई देता हूं. बच्चे और मां की सलामती के लिए मेरी प्रार्थना.

तीन बार गर्भपात के बाद मां की मुराद डाक्टरों ने पूरी की

मिली जानकारी के अनुसार शिशु की मां 28 वर्षीय महिला का इससे पहले तीन बार गर्भपात हो चुका है. यही कारण था कि वह हर हाल में अपना बच्चा चाहती थी. महिला का अल्ट्रासाउंड करने के बाद AIIMS के चिकित्सकों ने उसे बच्चे के दिल के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि उसके दिल का विकास ठीक से नहीं हो रहा है. महिला ने फिर इसके बारें में अपने पति को जानकारी दी और एंब्रॉय का प्रोसीजर कराने का फैसला किया. इस प्रक्रिया के बाद गर्भ में बच्चे का विकास ठीक हो रहा है. एम्स में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और फेटल मेडिसिन के विशेषज्ञों की एक टीम ने बैलून डाइलेशन की सफल प्रक्रिया की. प्रक्रिया पूरी करने के बाद टीम ने बताया कि मां और बच्चा दोनों ही अब अच्छी स्थिति में हैं.

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कठिन थी बैलून डाइलेशन की प्रक्रिया

डॉक्टरों ने बताया की अब शिशु का विकास सामान्य रूप से हो सकता है. प्रक्रिया को लेकर उनका कहना था कि हमने समय को माप लिया था, केवल 90 सेकंड में यह प्रक्रिया पूरी करनी थी. इसके लिए उन्होंने मां के पेट के माध्यम से बच्चे के दिल में एक सुई डाली और इस प्रक्रिया को पूरा किया.

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