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Ramcharitmanas: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर घिरी सपा तो अखिलेश यादव बोले- रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं

Ramcharitmanas Controversy: सपा नेता ने कहा, “जिस दकियानूसी साहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए.”

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सपा मुखिया अखिलेश यादव

Ramcharitmanas: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद यूपी में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. हिंदू संगठनों से लेकर बीजेपी तक उनके इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साध रही है. पूरे मामले में बीजेपी ने अब तक सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं. इस विवाद के बीच सपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्वामी प्रसाद मौर्य का कद भी बढ़ा है और उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. वहीं रामचरितमानस पर विवादित बयान के कारण स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा के खिलाफ तेज होते विरोध के बाद अखिलेश यादव का बयान आया है.

अखिलेश यादव रविवार को मैनपुरी पहुंचे थे, जहां प्रेस वार्ता के दौरान मीडियाकर्मियों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान से जुड़ा सवाल किया तो अखिलेश यादव ने कहा कि भगवान राम और रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है. उन्होंने कहा, “कल मैं मंदिर गया तो RSS-BJP के गुंडे आ गए, हमें पता होता BJP गुंडे भेजने वाली है तो हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आते. काला झंडा जब समाजवादी दिखाते हैं तो उन्हें 1 साल के लिए जेल भेजा जाता है.”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बैन करने की मांग की थी. उन्होंने अपने कहा था कि तुलसीदास रचित रामचरितमानस को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. सपा नेता ने कहा, “जिस दकियानूसी साहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए.” सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि धर्म कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष, वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया गया है, हम उस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं.

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स्वामी प्रसाद मौर्य करते रहे हैं विवादित बयानबाजी

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर हिंदू संगठनों और साधू-संतों ने अपनी नाराजगी जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. इस पर भड़के हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया, “अभी हाल ही में मेरे दिए गए बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद.”

-भारत एक्सप्रेस

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