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Rajasthan Politics: अश्विनी वैष्णव के नए ‘अवतार’ से दिलचस्प हुई राजस्थान बीजेपी में सीएम फेस की रेस, वसुंधरा राजे-शेखावत की दावेदारी भी मजबूत

Rajasthan Politics: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी जाट पंचायत में सीएम फेस बनाने की पुरजोर मांग उठी थी. हालांकि, वह खुद कह चुके हैं बीजेपी किसी के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेगी.

ashwini vaishnav

अश्विनी वैष्णव, वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत

Rajasthan Politics: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार को वह बेदखल कर सत्ता में वापसी कर लेगी. इस चुनाव से पहले भाजपा के खेमे में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर खींचतान बढ़ी हुई है. इस बीच, राज्य में ब्राह्मण महापंचायत के बाद इस रेस में एक और नाम शामिल हो गया है. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव राजस्थान बीजेपी में सीएम पद के नए दावेदार के रूप में सामने आए हैं.

अश्विनी वैष्णव हाल ही में जयपुर में ‘ब्राह्मण महापंचायत’ में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. पीएम मोदी द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने तक सक्रिय राजनीति में अश्विनी वैष्णव कोई खास पहचान नहीं रखते लेकिन रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान उन्होंने जरूर अपनी अलग पहचान बनाई है.

मोदी-शाह के अंदाज में दिया भाषण

ब्राह्मण महापंचायत के दौरान वैष्णव ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंदाज में सभा को संबोधित किया और कहा, “साथियों, आज आपने जो एकता दिखाई है, इस एकता को हमेशा बनाए रखें,” उन्होंने कहा, “रखोगे कि नहीं.” वैष्णव ने आगे कहा, “राजस्थान इतना बड़ा राज्य है. क्या इसे रेलवे से बड़ा अनुदान नहीं मिलना चाहिए? मिलना चाहिए कि नहीं चाहिए?” उन्होंने कहा कि 10 साल पहले राज्य को रेलवे से अनुदान के रूप में 600 करोड़ रुपये मिलते थे, जो अब बढ़कर 9,532 करोड़ रुपये हो गया है.

उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा, “साथियों, एक नहीं, दो नहीं, तीन या पांच या 10 नहीं, बल्कि राजस्थान में 82 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा.” उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि उन्हें सर या अश्विनीजी के रूप में नहीं बल्कि “अश्विनी भाई” कहकर संबोधित किया जाए. इस दौरान वैष्णव ने भगवान परशुराम का एक डाक टिकट भी जारी किया.

अभी तक मुस्लिम समुदाय से एक सीएम

ब्राह्मण राज्य की कुल आबादी का लगभग 7-7.5 प्रतिशत हैं, लेकिन राजस्थान में अधिकांश मुख्यमंत्री ब्राह्मण समुदाय से हुए हैं. हालांकि आखिरी बार 33 साल ब्राह्मण चेहरे हरिदेव जोशी ने राजस्थान का नेृतृत्व किया था. राज्य में मुसलमानों और जाटों दोनों की संख्या ब्राह्मणों से अधिक है, लेकिन राज्य को बरकतुल्लाह खान के रूप में एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री मिला है, वहीं जाट समुदाय से कोई मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाया है.

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वसुंधरा राजे कर चुकी हैं शक्ति प्रदर्शन

एक ब्राह्मण चेहरे के रूप में अश्विनी वैष्णव प्रदेश भाजपा के लिए एक साफ-सुथरी छवि के नेता के तौर पर उभरकर सामने आए हैं. बीजेपी का राजस्थान का कैंपेन गुटबाजी के दौर से गुजर रहा है, जहां अभी तक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का दबदबा नजर आता है. वह कई बार शक्ति प्रदर्शन कर चुकी हैं लेकिन उनके बारे में ये भी खबरें रही हैं कि आलाकमान का सपोर्ट उनको नहीं है, राजे के विपरीत वैष्णव को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है.

गजेंद्र सिंह शेखावत और पूनिया भी रेस में

दूसरी तरफ, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का राजपूत समाज सीएम बनाने की मांग कर चुका है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी जाट पंचायत में सीएम फेस बनाने की पुरजोर मांग उठी थी. हालांकि, वह खुद कह चुके हैं बीजेपी किसी के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेगी. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि अश्विनी वैष्णव के आने से राजस्थान बीजेपी में सीएम पद को लेकर जारी रेस में आगे कौन निकलता है.

-भारत एक्सप्रेस

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