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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी हत्यारे जेल से होंगे रिहा, जाने SC ने फैसले में क्या कहा ?

Rajiv Gandhi

राजीव गांधी के सभी हत्यारों को रिहा करने के आदेश

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का फैसला सुना दिया है. जिसमें नलिनी श्रीहर समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दे दिया हैं. सुप्रीम कोर्ट का कहना कि राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोषी पेरारीवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा. दोषियों नलिनी और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी हत्यारे जेल से रिहा होंगे

सभी आरोपियों को हुए रिहा

बता दें कि आरोपी नलिनी और रविचंद्रन दोनों जेल में 30 साल से ज्यादा का समय गुजार चुके हैं. जिसके बाद इन सभी 6 आरोपियो को कोर्ट की तरह से रिहा होने का आदेश मिल चुका है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 18 मई को एक और दोषी पेरारिवलन को रिहाई का आदेश दिया था. और उसी तर्ज पर बाकी के दोषियों को रिहाई मांग उठ रही थी. वहीं, सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था. वहीं मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 17 जून को दोषियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था.

SC ने क्या कहा ?

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, जेल में आचरण को भी ध्यान में रखा गया है. तथ्य ये है कि उन्होंने 30 साल से ज्यादा समय जेल में बिताया हैं. राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय राज्यपाल पर बाध्यकारी है, लेकिन राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नहीं की. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी को रिहा कर दिया.

कब और कैसे हुई थी पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या एक चुनावी रैली के दौरान हुई थी. उनकी हत्या 21 मई 1991 की रात में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में की गई थी. मानव बम से लैस एक आत्मघाती दस्ते ने राजीव गांधी पर हमला कर उनकी हत्या कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने मई 1999 के अपने आदेश में चार दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथान और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था. हालांकि उसके बाद कोर्ट ने 2014 में इनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था. 2001 में चौथी हत्यारिन नलिनी की भी दया याचिका पर सुनवाई हुई और सजा-ए-मौत को उम्रकैद में बदल दिया गया. नलिनी की छोटी बेटी होने की वजह से उसकी सजा कम की गई थी.

– भारत एक्सप्रेस

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