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PM Narendra Modi In Varanasi: “चुनौती चाहे कितनी बड़ी हो निकलता है रास्ता”, विश्व टीबी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

Varanasi: पीएम मोदी ने कहा कि, मेरे लिए ये बहुत खुशी के बात है कि ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ काशी में हो रही है. सौभाग्य से मैं काशी का सांसद भी हूं.

PM MOdi In Varansi

वाराणसी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी

PM Narendra Modi Varanasi visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हैं. यहां पीएम मोदी विश्व टीबी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इसके बाद प्रधानमंत्री वाराणसी के कैंट से लेकर गोदौलिया तक बनने वाले रोप-वे का शुभारंभ भी करेंगे. जानकारों की माने तो यह देश का पहला सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे है. जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक का सफर किया जा सकता है. वहीं, पहले चरण के बाद रोप-वे का विस्तार भी किया जाएगा है. जिसके बाद काशी विश्ननाथ मंदिर और दशाश्वमेघ घाट तक की यात्रा इसके जरिए की जा सकती है.

हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों की साक्षी है काशी- PM मोदी

काशी में विश्व टीबी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, मेरे लिए ये बहुत खुशी के बात है कि ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ काशी में हो रही है. सौभाग्य से मैं काशी का सांसद भी हूं. काशी नगरी शाश्वत धरा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है.

इसके अलावा पीएम ने कहा कि काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब सबका प्रयास होता है, तो नया रास्ता भी निकलता है. मुझे विश्वास है, TB जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी. एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ यानी- ‘Whole world is one family’ की भावना में झलकता है. ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को integrated vision दे रहा है, integrated solutions दे रहा है.

इसलिए ही प्रेसिडेंट के तौर पर भारत ने G-20 समिट की भी थीम रखी है- ‘One world, one family, one future’! ये थीम एक परिवार के रूप में पूरे विश्व के साझा भविष्य का संकल्प है.

टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल

कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है. भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है.

बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है. जैसे, जनभागीदारी, पोषण के लिए विशेष अभियान, इलाज के लिए नई रणनीति, तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल और अच्छी हेल्थ को बढ़ावा देने वाले फिट इंडिया, खेलो इंडिया और योग जैसे अभियान.

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10 लाख TB मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने लिया है गोद

कार्यक्रम में आगे बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि TB के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- People’s Participation, जनभागीदारी. हमने ‘TB मुक्त भारत’ के अभियान से जुड़ने के लिए देश के लोगों से ‘नि-क्षय मित्र’ बनने का आह्वान किया था. इस अभियान के बाद करीब-करीब 10 लाख TB मरीजों को देश के सामान्य नागरिकों ने Adopt किया है, गोद लिया है.

कोई भी TB मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया. TB के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए, उनके ट्रीटमेंट के लिए, हमने उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है. TB की मुफ्त जांच के लिए हमने देशभर में लैब्स की संख्या बढ़ाई है.

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