Bharat Express

यहां प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, परिवार के सदस्य के रूप में आया हूं: बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने शुक्रवार शाम मुंबई में अलजामी-तुस-सैफियाह (सैफी अकादमी) के नए परिसर का उद्घाटन किया.

PM Modi

PM Modi inaugurates academy of Dawoodi Bohra community

PM Modi- Dawoodi Bohra community: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ अपने दशकों पुराने रिश्तों को याद किया. अलजामिया-तुस-सैफिया अरबी अकादमी के चौथे परिसर का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा, “मैं यहां परिवार के सदस्य की तरह हूं, प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं.” अलजामिया-तुस-सैफिया अरबी अकादमी दाऊदी बोहरा समुदाय का प्रमुख शिक्षण संस्थान है. मोदी ने कहा कि परिसर में आना अपने परिवार के पास आने जैसा है. उन्होंने समुदाय के साथ अपने रिश्तों का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि दाऊदी बोहरा समुदाय समय के अनुसार बदलाव लाने की कसौटी पर खरा उतरा है.

PM मोदी बोले- मेरा सौभाग्य, इस परिवार से 4 पीढ़ियों से जुड़ा हूं

पीएम ने कहा, मैं यहां न तो पीएम के तौर पर हूं और न ही सीएम के तौर पर. मेरे पास जो सौभाग्य है, वह शायद बहुत कम लोगों को मिला है. मैं इस परिवार से 4 पीढ़ियों से जुड़ा हुआ हूं. अलजामिया-तुस-सैफियाह परिसर और परिवार का दौरा करना मेरे अपने परिवार का दौरा करने जैसा है.

बोहरा समाज

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आपके परिवार का हिस्सा हूं और जब भी मुझे परिवार के सदस्य के रूप में यहां आने का मौका मिला है, मुझे खुशी हुई है.’

ये भी पढ़ें: आर-पार के मूड में अडानी, हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए अमेरिका की महंगी लॉ फर्म को किया हायर

पीएम मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय की नई अकादमी का उद्घाटन किया और अकादमी का दौरा किया. अल्जामिया-तुस-सैफिया दाऊदी बोहरा समुदाय का प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है. सैफी अकादमी समुदाय की सीखने की परंपराओं और साक्षरता संस्कृति की रक्षा के लिए काम कर रही है. पीएम मोदी समुदाय के साथ मधुर संबंध साझा करते हैं और भारत और विदेश दोनों में कई बार अपने धार्मिक नेताओं से मिल चुके हैं. दाउदी बोहरा समुदाय शिया इस्लामी संप्रदाय के भीतर एक उपसमूह है जो अपने व्यापारिक कौशल के लिए जाना जाता है.

‘हमें शिक्षा के गौरव को वापस लाना है’

पीएम का कहना था कि जब भी मुझे सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब से बातचीत करने का मौका मिला, उनकी सक्रियता और सहयोग ने मुझे हमेशा ऊर्जा से भर दिया. मेरे गुजरात से दिल्ली आने के बाद भी वह मुझ पर प्यार बरसाते रहे. शिक्षा के क्षेत्र में भारत कभी नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों का केंद्र विश्वविद्यालयों का केंद्र हुआ करता था. पूरी दुनिया से लोग यहां सीखने और पढ़ने आते थे. अगर हमें भारत के वैभव को वापस लाना है तो हमें शिक्षा के हमें शिक्षा के उस गौरव को भी वापस लाना होगा. आपको बता दें, अपनी महाराष्ट्र यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री ने आज (10 फरवरी) मुंबई में दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई. एक महीने से भी कम समय में राज्य का यह उनका दूसरा दौरा है.

Bharat Express Live

Also Read