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जी20 के भाषणों का अनुवाद करेगें केयू के विशेष भाषा अनुवादक

22 से 24 मई तक श्रीनगर में एसकेआईसीसी में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को कश्मीर विश्वविद्यालय और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न डिग्री कॉलेजों के विशेष भाषा अनुवादकों की विशेषज्ञता से लाभ होगा

G20 speeches

जी20 भाषण

Srinagar : जी20 शिखर सम्मेलन में प्रभावी संचार सुनिश्चित करने के लिए, 22 से 24 मई तक श्रीनगर में एसकेआईसीसी में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को कश्मीर विश्वविद्यालय और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न डिग्री कॉलेजों के विशेष भाषा अनुवादकों की विशेषज्ञता से लाभ होगा. शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के गणमान्य व्यक्तियों को आकर्षित करने के साथ, कुशल अनुवादकों को शामिल करने से भाषा की बाधा दूर होगी और हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के दौरान निर्बाध चर्चा की सुविधा मिलेगी.

इस सम्मेलन में महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जाना जाने वाला G20 शिखर सम्मेलन विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों को देखेगा. इस बैठक में अधिकारीयों ने भी अपनी बात रखते हुए कहा  केयू और कॉलेजों के भाषा अनुवादक विविध भाषाओं को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं, जिससे सहज संचार की सुविधा मिलती है और उपस्थित लोगों के बीच उपयोगी संवाद को बढ़ावा मिलता है,

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क्या है जी-20

दरअसल जी-20 का गठन साल 1999 में हुआ था। इसको ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। यह यूरोपियन यूनियन और 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। जी-20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं.

G 20 की कार्यशैली

जी-20 में दो समानांतर ट्रैक होते हैं. वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक. शेरपा पक्ष की ओर से जी-20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं. वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर करते हैं। दोनों ट्रैक के अंदर कार्य समूह हैं जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ आमंत्रित अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं

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