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कश्मीर की युवा कवयित्री अस्मा एस ज़ारू की कविताएं चलाती हैं पाठकों पर जादू, उनकी ई-बुक ‘फ्रॉम माय पिलो’ में जीवन के कई पहलु

अस्मा की पुस्तक ‘फ्रॉम माय पिलो’ काव्यात्मक अभिव्यक्तियों का खजाना है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए है.

Asma S Zaroo

कश्मीर की युवा कवयित्री अस्मा एस ज़ारू

कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. कोई भी बाधा प्रतिभाशाली शख्स को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती हैं. ऐसी ही एक प्रतिभाशाली लड़की है अस्मा एस ज़ारू. श्रीनगर जैसे शांत और खूबसूरत शहर की यह युवा कवयित्री अपने लेखन के माध्यम से पाठकों को भावनाओं के सागर में गोते लगाने पर मजबूर कर देती है.

हर चीज में लय

ज़ारू पेशे से शिक्षाविद और जुनून से कवयित्री हैं. कविता के क्षेत्र में उनकी यात्रा बड़ी ही रोमांचक रही है. वह कहती हैं, “हर चीज में एक लय होती है, एक लय होती है,” जैसे लुभावनी सूर्यास्त और सूर्योदय हम ब्रह्मांड में देखते हैं.

यह वह अहसास था जिसने धीरे-धीरे उनके भीतर कवयित्री को जगाया, क्योंकि दुनिया के साथ उनका सहज संबंध हर गुजरते दिन के साथ मजबूत होता गया. अस्मा की काव्य यात्रा आत्म-प्रतिबिंब और निरंतर विकास में से एक रही है.

वह अपनी कविता के भीतर प्रामाणिकता की गहराई का पता लगाने के लिए एक लेखिका और एक पाठक दोनों के रूप में खुद को लिखित शब्दों में डुबो देती हैं. आत्म-उन्नति और आत्म-परीक्षा के प्रति उनका समर्पण उनके छंदों की गहनता में स्पष्ट है.

सच्ची प्रतिभा को पहचाना जाना चाहिए

अपनी कविताएँ लिखने के बाद, वह पढ़ने और आत्मनिरीक्षण के लिए भी पर्याप्त समय देती हैं. आत्मनिरीक्षण में डूबी वह अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्ति में प्रामाणिकता का संचार करना चाहती है. उनका मानना ​​है कि वित्तीय बाधाओं को कला को प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए और किसी की वित्तीय क्षमताओं की परवाह किए बिना सच्ची प्रतिभा को पहचाना जाना चाहिए.

इन चुनौतियों से विचलित हुए बिना, अस्मा ने मामलों को अपने हाथों में लिया और एक पैसा खर्च किए बिना अपनी पहली पुस्तक को ई-पुस्तक के रूप में स्वयं प्रकाशित किया, जो उनके शिल्प में उनके दृढ़ संकल्प और विश्वास का एक वसीयतनामा था.

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‘फ्रॉम माय पिलो’

अस्मा की पुस्तक ‘फ्रॉम माय पिलो’ काव्यात्मक अभिव्यक्तियों का खजाना है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए है और जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है. उनके शब्दों के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार, आशा, सकारात्मकता और आशावाद के विषय व्याप्त हैं. अस्मा में गिलास को आधा भरा देखने की सहज क्षमता है. उनकी हर कविता पाठक को आत्मनिरीक्षण की यात्रा पर ले जाती है, उनसे जीवन के चमत्कारों को अपनाने का आग्रह करती है. प्रत्येक कविता को सावधानी से गढ़ा गया है. एक शिक्षाविद् के रूप में उनका समर्पण उन्हें विभिन्न सांस्कृतिक दृष्टिकोणों का पता लगाने और दुनिया की अपनी समझ को समृद्ध करने में सक्षम बनाता है. ये विविध अनुभव उनकी कविता के लिए प्रेरणा के मूल्यवान स्रोत के रूप में काम करते हैं और उनके लेखन में गहराई की परतें जोड़ते हैं.

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