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उत्तर प्रदेश में बयानवीरों की नई राजनीति, सियासत के नए मायने सिखा रहे राजनेता

Hateful speech by politicians: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को ब्राह्मण समाज और हिंदू धर्म को लेकर विवादित टिप्‍पणी की. उसने कहा कि ”ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं. हिंदू धर्म केवल धोखा है.” उसकी तरह कई और नेता भी नफरती बयान देते रहे हैं.

swami prasad maurya and owaisi

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और हैदराबाद के मुस्लिम लीडर ओवैसी हिंदू अनुयायियों की भावनाएं आहत करने वाले बयान देते रहे हैं.

Politics : ओवैसी, मणिशंकर अय्यर, जयराम रमेश की तरह दिग्गज बयानवीरों के बाद उत्तर प्रदेश में भी राजनेता विवादित बयानों के चलते मशहूर होने लगे हैं, जिसमें सबसे पहला नाम स्वामी प्रसाद मौर्या का आता है, जो आजकल अपने विवादित बयानों के चलते मीडिया की सुर्खियों में है। शायद अब राजनेताओं ने यह बात जान ली है कि विकास के मुद्दों पर चर्चा करने से अधिक विवादित बयानों से सुर्खियां बटोरना ज्यादा आसान है और शायद यही कारण है कि लगातार उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत करने के लिए अलग-अलग नेता विवादित बयान देने में कोई भी गुरेज नहीं कर रहे। इनमें सबसे आगे अलग-अलग पार्टियों में रह चुके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य है।

इन दिनों धार्मिक आधार पर भी स्वामी प्रसाद मौर्य बयान देने में कोई भी गुरेज नहीं कर रहे, हिंदू देवी देवताओं को लेकर लगातार सवाल उठाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का फिर से आज एक विवादित बयान सामने आया है। स्वामी प्रसाद मौर्या ने अब हिंदू धर्म पर ही सवाल खड़े कर दिए है, देवी देवताओं पर सवाल उठाते उठाते अब स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म पर ही सवाल उठाने में गुरेज नहीं कर रहे।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज अपने विवादित बयानों में यहां तक कह दिया कि हिंदू धर्म का कोई अस्तित्व ही नहीं है ब्राह्मणवाद के आधार पर ही हिंदू धर्म का व्याख्यान होता है। इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से नया विवाद बढ़ा दिया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस तरीके का बयान दिया हो, इससे पहले भी स्वामी प्रसाद मौर्य अलग-अलग मंचों पर हिंदू देवी देवताओं के अस्तित्व पर सवाल उठा चुके हैं।

ऐसा नहीं है कि स्वामी प्रसाद मौर्य यह बयान अभी से दे रहे हैं 2014 में जब स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी में थे तब उन्होंने हिंदुओं की विवाह परंपरा पर ही सवाल खड़े कर दिए थे उन्होंने कहा था कि हिंदू विवाह में गौरी गणेश की पूजा नहीं होनी चाहिए वही 2017 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीन तलाक का विरोध करते हुए मुस्लिम समुदाय पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग तीन तलाक़ लोग अपनी हवस मिटाने के लिए करते है, जिससे वो बीवियाँ बदलते रहें।

2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी का दामन छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी को राम का सौदागर तक बता दिया था, उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले राम का सौदा भी कर लेते हैं और राम को बीच भी देते हैं, वहीं दूसरी तरफ सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी अपनी राजनीतिक प्रश्न को मजबूत करने के लिए विवादित बयानों में लगातार देखे जाते हैं जिस तरीके से ओमप्रकाश राजभर का बयान लगातार जातिगत आधार पर यादवों के ऊपर टिप्पणी करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि लोग कहते हैं कि अहिर को 12 बजे बुद्धि आती है।

उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज भी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। हाल में ही भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए उन्हें ‘पागल’ बता दिया था। जिसके चलते कई कांग्रेसी साक्षी महाराज के विरोध में उतर आये थे।

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उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट से सपा के सांसद शफीकुरहमान बर्क भी उत्तर प्रदेश में अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं, हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद ने लड़कियों के पर्दे को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि लड़कियां अगर बेपर्दा घूमेगी तो आवारगी बढ़ेगी उन्होंने कहा कि हिजाब हटने से हालात बिगड़ते हैं और आवारगी बढ़ती है हिजाब पर बैन लगता है तो सिर्फ इस्लाम को नहीं बल्कि समाज को भी नुकसान होगा।

इन बयानों से आम जनता को कोई लाभ नहीं होना है, क्या पर राजनीतिक पार्टियों को इन बयानों के मार्फत होने वाले सियासी फायदे का अनुमान 2024 में जरूर पता चल जाएगा। पूर्व में भी इन बयानों को जनता ने खास तबज्जो तो नहीं दी लेकिन फिर भी यह बयान सुर्खियां तो बटोर ही लेते है। लेकिन खास बात यह है कि जनता का फोकस विकास के मुद्दों पर रहता है जिसकी चिंता इन राजनेताओं को कभी नहीं रही।

— भारत एक्सप्रेस

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