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चीन से फंडिंग पर घिरा गांधी परिवार, ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ का लाइसेंस रद्द

राजीव गांधी फाउंडेशन' का लाइसेंस रद्द

केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस रद्द कर दिया है. सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले इस फाउंडेशन को अब विदेश से कोई फंडिंग नहीं होगी. साथ ही अब तक जो पैसे फंडिंग के तौर पर आया है, उसके स्रोत की भी जांच की जाएगी. कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका है। Rajiv Gandhi Foundation पर पहली बार 2020 में आरोप लगा था. उस आरोप में कहा गया था कि  फाउंडेशन को चीन से 90 लाख रुपए मिले है. कानूनों को नजर अंदाज  करते हुए यह फंडिंग की गई थी. कई सवाल उठे, जिस पर गृह मंत्रालय ने जांच शुरू कर दिया है.अब राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) का एफसीआरए लाइसेंस (FCRA licence) रद्द करने का फैसला लिया गया है.

राजीव गांधी फाउंडेशन गांधी परिवार से जुड़ा एक गैर-सरकारी  फाउंडेशन है. राजीव गांधी फाउंडेशन के जरिए कांग्रेस देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों को करती  है. Rajiv Gandhi Foundation की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा इस फाउंडेशन के  ट्रस्टी हैं. ट्रस्टियों में मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम जैसे कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं.

सूत्रों के मानें तो , जुलाई 2020 में MHA ने एक कमेटी का गठन किया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फाउंडेशन को रद्द करने का फैसला लिया गया है. एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने की सूचना आरजीएफ के पदाधिकारियों को भेजी दी गई है.

माना जा रहा है कि इस मामले में कांग्रेस और उसके नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती है. जल्द ही यह केस सीबीआई को सौंपा जाएगा. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय  भी इसकी  जांच शुरू कर सकती है. खासतौर पर चीन से मिली फंडिंग की जांच की जाएगी. यह पैसा कहां से दिया गया और क्यों दिया गया, इस पर भी जांच की जाएगी. बीजेपी  का आरोप है कि चीन से मिली फंडिंग के अलावा भी कई बेनामी ट्रांजेक्शन किए गए हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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