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UP News: अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे शातिर, सरगना आसिफ की तलाश में मुंबई पहुंची UP ATS की टीम

Prayagraj: गिरोह से जुड़े कई लोगों को एटीएस पहले की गिरफ्तार कर चुकी है. उनसे पूछताछ में ही तमाम खुलासे हुए हैं. इसी के बाद अब एटीएस के लिए आसिफ को ढूंढना अति आवश्यक हो गया है.

सांकेतिक फोटो

Prayagraj: अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन कर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने और राजस्व चोरी मामले में फरार आसिफ की तलाश में अब के गैंग के सरगना आसिफ की तलाश में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम मुंबई रवाना हो गई है. उसकी गिरफ्तारी को एटीएस इसलिए भी महत्वपूर्ण मान रही है, माना जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इस पूरे नेटवर्क का राजफाश हो सकेगा और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी जानकारी मिल सकेगी.

बता दें कि इस मामले में पहले ही धूमनगंज से सरफराज अहमद, वाजिद और अमन को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन लोगों से मिली जानकारी के आधार पर दूसरी टीम छानबीन कर रही है. बताया जा रहा है कि गैंग का लीडर आसिफ मुंबई के गोंडवी का रहने वाला है. वह टीम व्यूअर और एनीडेस्क एप के माध्यम से इंटरनेशनल काल को लोकल कॉल में कनेक्ट करवाता था.

वहीं, सूत्रों की मानें तो आसिफ अपने गैंग के सदस्य सरफराज, वाजिद और अमन को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के लिए 20-20 हजार रुपये वेतन के रूप में देता था. इसके साथ ही कमरे का किराया, बिजली बिल सहित दूसरे खर्च भी उठाता था. गिरफ्तार अभियुक्तों ने सातवीं, 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई की है. पूछताछ में इन लोगों ने बताया है कि, सरफराज पहले मुंबई में आसिफ के साथ काम करता था, जहां उसे ट्रेनिंग देकर प्रयागराज भेजा गया था.

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सोमवार को एटीएस ने की थी बड़ी कार्रवाई

बता दें कि एटीएस ने सोमवार को धूमनगंज और पिपरी कौशांबी निवासी दो सगे भाई सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर इलेक्ट्रानिक, संचार उपकरण बरामद किए थे. इसके बाद अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा हुआ था. गिरफ्तार आरोपित अभी तक यह नहीं बता सके कि वह किन लोगों को वे कॉल कनेक्ट करते थे. ऐसे में अब नेटवर्क से जुड़ी सभी जानकारी को खंगालने और देश विरोधी दूसरी गतिविधि की पुष्टि के लिए आसिफ की तलाश में एटीएस मुम्बई के लिए रवाना हो चुकी है.

जानकारी सामने आई है कि आसिफ अपने गिरोह के सदस्यों को मोबाइल सिम और सिमबाक्स भी भिजवाता था. अवैध टेलीफोन एक्सचेंज को संचालित करने के लिए पैसा देता था. गिरफ्त में आए अभियुक्तों ने पूछताछ में एटीएस को बताया कि अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के लिए पुटटी और टीएफटीपीडी 64 जैसे कई अन्य एप्लीकेशन का प्रयोग करके काल्स को सर्वर से कनेक्ट किया जाता था, लेकिन उनको ये नहीं मालूम है कि कॉल कहां और किसे कराई जाती थी.

अब सीडीआर अहम सुराग की तलाश

वहीं, गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से एटीएस की टीम को कई मोबाइल फोन भी मिले हैं. अब एटीएस उन सभी मोबाइल नंबरों की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकाली जा रही है. माना जा रहा है कि सीडीआर से इस अवैध गतिविधि में संलिप्त अन्य लोगों के बारे में भी सुराग मिलेगा. इसी के बाद उन सभी पर भी कार्रवाई की जाएगी.

-भारत एक्सप्रेस

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