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सीबीएसई और यूपी बोर्ड के सिलेबस में बदलाव पर घमासान, अखिलेश यादव बोले- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की रचना हटाया जाना आपत्तिजनक, बीजेपी से मांगा जवाब

Delhi: एनसीइआरटी ने अपने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के सिलेबस में बदलाव किया है. वहीं अब इसे लेकर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है और कहा है कि ऐसा किया जाना आपत्तिजनक है.

Ncert Syllabus change

अखिलेश यादव

Delhi: एनसीइआरटी ने अपने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के सिलेबस में बदलाव किया है. राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने सीबीएसई और यूपी बोर्ड के 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) से जुड़े कुछ इतिहास विषय के अध्‍याय को हटा दिया है.

वहीं नागरिक शास्त्र के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया है. इसके अलावा मशहूर फिराक गोरखपुरी और निराला की रचनाएं भी नए बदलाव के तहत हटा दी गई हैं. NCERT के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि उनकी किताबों में इतिहास विषय के कुछ अध्याय में परिवर्तन किए गए हैं और कुछ को हटा दिया गया है. वहीं अब इसे लेकर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है और कहा है कि ऐसा किया जाना आपत्तिजनक है. अखिलेश के अलावा अन्य राजनीतिक दल भी भाजपा को इस मामले में घेरने में लग गए हैं.

जानिए NCERT कि 10वीं और 11 वीं की किताबों में कितना हुआ बदलाव

10वीं की राजनीति शास्त्र विषय में NCERT ने बदलाव करते हुए इसकी किताब से ‘डेमोक्रेसी ऐंड डाइवर्सिटी’ और ‘पॉपुलर स्ट्रगल्स ऐंड मूवमेंट्स’ का अध्याय हटा दिया है. वहीं कक्षा 11वीं के इतिहास विषय की किताब से ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड’ और ‘कान्फ्रन्टेशन ऑफ़ कल्चर्स’ के अध्याय को हटा दिया गया है.

12वीं से हटा मुगलों का इतिहास

राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने सीबीएसई के 12वीं कक्षा से मुगलों के इतिहास से जुड़े दो अध्याय हटा दिए हैं. इस क्लास के मध्यकालीन इतिहास की किताब से ‘द मुगल कोर्ट’ और ‘किंग्स ऐंड क्रॉनिकल्स’ इन दोनों अध्याय को हटा दिया गया है. इसके अलावा यूपी बोर्ड की 12वीं की कक्षा से भी मुग़ल दरबार से जुड़े अध्याय हटा दिए गए हैं.

कांग्रेस शासन से जुड़े पाठ भी हटाए गए

12वीं के इतिहास के अलावा इस क्लास की राजनीति शास्त्र की किताब से भी कई पाठ हटा दिए गए हैं. जो पाठ हटाया गया है वह आज़ादी के बाद कांग्रेस के शासन पर आधारित है और उसका नाम ‘Era of one party dominance’ (एक दल के प्रभुत्व का युग) है.

फिराक गोरखपुरी और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएं भी हटीं

शैक्षिक सत्र 2023-24 से इंटरमीडिएट में चलने वाली NCERT की किताब ‘आरोह भाग 2′ में कई बदलाव किए गए हैं. ’आरोह भाग 2’ में ‘चार्ली चैपलिन यानी हम सब’ जहां अब इसका हिस्सा नहीं रहा. वहीं इसके ‘अंतरा भाग-2′ से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचना ‘गीत गाने दो मुझे’ और विष्णु खरे की ‘एक काम और सत्य’  भी इसके पाठ्यक्रम से हटा दी गई है. इसके अलावा फिराक गोरखपुरी की गजल भी हटा दी गई है. इस सत्र से ही छात्र इन्हें नहीं पढ़ सकेंगे.

जानिए कितना बदल गया नागरिक शास्त्र का विषय

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राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने जो बदलाव किया है उसके अंतर्गत नागरिक शास्त्र की किताब में अब समकालीन विश्व में अमेरिका वर्चस्व और शीतयुद्ध अब इसका हिस्सा नहीं है. वहीं स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से ‘जन आंदोलन का उदय’ और ‘एक दल के प्रभुत्व का दौर’ इन दोनों अध्यायों को हटा दिया गया है. इसके पाठ्यक्रम में अब तक कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति और भारतीय जनसंघ आदि को पढ़ाया जाता था. बदला हुआ पाठ्यक्रम इसी साल से लागू हो जाएगा.

अखिलेश ने कहा सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की रचना हटाया जाना आपत्तिजनक

‘राम की शक्तिपूजा’ जैसी कालजयी रचना के लेखक सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी की एक रचना को NCERT के पाठ्यक्रम से हटाया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है. भाजपा सरकार स्पष्टीकरण दे और तुरंत उप्र के अन्य कवियों की भी हटायी गयी रचनाओं को फिर से शामिल करवाए.

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