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चीन से तनातनी के बीच 84,328 करोड़ रु के रक्षा सौदे को मंजूरी, लाइट टैंक और एंटी-शिप मिसाइल बढ़ाएंगी सेना की ताकत

India-China Tension: रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी (DAC) ने 24 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसमें भारतीय सेना के लिए 6, भारतीय वायु सेना के लिए 6, भारतीय नौसेना के लिए 10 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए दो शामिल हैं.

INDIAN ARMY

सेना के लिए हल्के टैंकों और मिसाइलों की खरीद को मंजूरी (फोटो ट्विटर)

India-China Clash: चीन से तनातनी के बीच रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है. भारतीय सेना (Indian Army) को मजबूती देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने भारी मात्रा में हथियारों की खरीद को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को 84,328 करोड़ के हल्के टैंको और मिसाइलों की खरीद के लिए मंजूरी दी है. भारतीय सेना के पास अब 84,328 करोड़ की लागत के हल्के टैंकों, पोत रोधी मिसाइलों और लंबी दूरी के निर्देशित बमों सहित कई सैन्य प्लेटफॉर्म और हथियारों की ताकत होगी. जिससे सेना को सीमा पर मजबूती मिलेगी. खरीद प्रस्तावों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DCA) ने मंजूरी दी थी.

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के दौरान खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (AON) हुई थी.

तीनों सेनाओं को मिलेगी मजबूत

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी (DAC) ने 24 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें भारतीय सेना के लिए 6, भारतीय वायु सेना के लिए 6, भारतीय नौसेना के लिए 10 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए दो शामिल हैं. खरीद का कुल मूल्य 84,328 करोड़ रुपये होगा. इसमें कहा गया है कि प्रस्तावों में भविष्य के पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों, हल्के टैंकों, नौसेना की एंटी-शिप मिसाइलों, बहुउद्देश्यीय जहाजों, मिसाइल प्रणालियों की नई रेंज, लंबी दूरी के निर्देशित बम और अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद शामिल है. मंत्रालय ने कहा कि 82,127 करोड़ रुपये के प्रस्तावों की खरीद स्वदेशी स्रोतों से की जाएगी.

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पूर्वी लद्दाख में झड़प के समय हल्के तोपों की पड़ी थी जरूरत

बता दें पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर चाइना के साथ हुई झड़प के समय LAC पर हल्के तोपों की कमी खली थी. लेकिन उस समय भारतीय सेना के पास ऐसी तोपें नहीं थीं. इतने ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में हल्के तोपें की जरूरत पड़ती है. लेकिन झड़प के समय भारत के पास सबसे हल्की तोप के9-वज्र टी (K-9 Vajra-T) टैंक थी. इसका वजन 35 टन है. जबकि टी-72 का 45 और टी-90 का 46 टन है. इतने भारी तोपों के साथ इतनी ऊंचाई पर जाना काफी मुश्किल होता है. इसलिए भारत को सीमा पर हल्के तोपों की जरूरत पड़ रही थी.

जिसके बाद पिछले साल अप्रैल में भारतीय सेना ने 350 हल्के तोपों, जिनका वजन 25 टन से कम हो, उसके लिए अनुरोध और सूचना मांगी थी. इन तोपों को अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात किया जा सकता है.

– भारत एक्सप्रेस

 

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