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ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई रोक, 27 जुलाई को फिर होगी सुनवाई

वाराणसी अदालत ने एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति दी, जिसके बाद 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को 26 जुलाई शाम 5 बजे तक वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोई सर्वेक्षण नहीं करने का आदेश दिया.

Gyanvapi Masjid Survey

Gyanvapi Masjid Survey

Gyanvapi Mosque Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर गुरुवार (27 जुलाई) तक रोक लगा दी. उच्च न्यायालय ने बुधवार को जिला अदालत के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू की थी. जिला अदालत ने एएसआई को सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. अब मामले की फिर से गुरुवार को सुनवाई होगी.

ASI सर्वे से ढांचे को नुकसान होगा: मुस्लिम पक्ष

बता दें कि वाराणसी अदालत ने एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति दी, जिसके बाद 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को 26 जुलाई शाम 5 बजे तक वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोई सर्वेक्षण नहीं करने का आदेश दिया. बुधवार को कोर्ट में दोनों पक्षों ने इस बात पर अपनी दलीलें रखीं कि क्या ASI सर्वे से ढांचे को नुकसान होगा.

मुस्लिम समिति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नकवी ने कहा कि मस्जिद लगभग 1,000 साल से है और खुदाई कार्य से संरचना को नुकसान हो सकता है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कोर्ट को बताया कि मस्जिद के अंदर खुदाई का काम नहीं किया जाएगा और हालात की मांग होने पर ही खुदाई की जाएगी. जैन ने कहा, “वह भी आखिरी चरण में.”

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रडार मैपिंग करेगा ASI

हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि 18 अप्रैल 1669 में मुगल आक्रंता औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. इसके बाद मंदिर गिराकर इसकी जगह मस्जिद बना दी गई थी. राजा टोडरमल ने 1585 में मंदिर का पुनर्निमाण कराया था. उन्होंने कहा कि हिंदू महिलाओं के एक समूह ने अब वहां देवताओं की पूजा करने की अनुमति मांगी है. जब कोर्ट ने हिंदू पक्ष से पूछा कि क्या खुदाई जरूरी है, तो वकील ने कहा, “हां, लेकिन यह मस्जिद के अंदर नहीं होगा. एएसआई रडार मैपिंग करेगा. अगर परिस्थितियों की मांग हुई तो खुदाई भी की जाएगी, वह भी आखिरी चरण में.”

-भारत एक्सप्रेस

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