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Oscar Nomination: दस लोगों के साथ शूट हुई थी डॉक्यूमेंट्री, बजट के नाम पर कुछ नहीं था, अब ऑस्कर के लिए हुई नॉमिनेट

Oscar Nomination: विश्व के प्रेस्टेजियस एकेडमी अवॉर्ड में इस साल इंडिया से तीन प्रोजेक्ट्स के नाम दर्ज हुए हैं. बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग की कैटिगरी में RRR के गाने नाटू-नाटू को जगह मिली है.

Oscar Nomination:

प्रोड्यूसर अमन मान (फोटो)

Oscar Nomination:  शौनक सेन की All That Breathes एकेडमी अवॉर्ड से पहले कॉन्स फिल्म फेस्टिवल में अपना जलवा बिखेर चुकी है. ऑस्कर में मिले फिल्म की नॉमिनेशन को लेकर इसके प्रोड्यूसर अमन मान  इसकी जर्नी पर दिल खोलकर बातचीत की.

एकेडमी के लिस्ट में फिल्म का नॉमिनेशन देखकर कैसा लगा?

दरअसल फिल्म की जो जर्नी रही है वो हमारी उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़कर है. फिल्म की शुरुआत से ही हमने कई तरह की दिक्कतों का सामना किया था. पहले तो कोविड की मार झेली बजट नहीं था हमारे पास तो उस दौरान सबकुछ सपने की तरह लगने लगा था. फिल्म का डेस्टिनेशन तय था. पहले हमारी फिल्म को कान्स में सराहा गया और अब एकेडमी में ऑफिशियल नॉमिनेशन मिला है. जो फीलिंग है उसके लिए शब्द ही नहीं है. जिस तरह से फिल्म को सराहना मिली है हम ऑडियंस, पैनल्स, क्रिटिक्स सबके आभारी हैं. हमारे किरदारों के काम को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान मिली है. हमारी टीम को भी अब जाना जा रहा है. इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है.

फिल्म बनाने के लिए नहीं थे पैसे

फिल्म बनाने के उस मुश्किल वक्त को शेयर करते हुए प्रोड्यूसर अमन मान बताया कि मैं और शौनक फिल्म के लिए किरदार से मिल रहे थे. मात्र हम दो लोग और हमारे साथ कैमरा और एक माइक क्रू के नाम पर बस यही था. बजट के नाम पर हमारे पास कुछ नहीं था. वो हमारा रिसर्च फेज था. हमारा इरादा मजबूत था कि इन जो भाईयों की कहानी है वो दुनिया के सामने आए. वो दो भाई बेसमेंट में रहते हैं. उनके दिन का काम और रात की जो जद्दोजहद थी – वो मुझे क्रिएटिवली काफी सिनेमैटिक लग रहा था. हम इस बात पर पूरी तरह कॉन्फिडेंट थे कि ये इंट्रेस्टिंग कहानी है. अगर लोगों के बीच आ जाए तो कमाल कर जाएगी. रही बात शूटिंग की तो हमने बहुत ही छोटे लोगों के साथ इसे पूरा किया है.

जब इसकी फुटेज लेकर बाहरी लोगों के संपर्क में गए तो वहां इसे अटेंशन मिली और हमें फाइनैंसियल सपोर्ट मिला. हम पीचिंग फेज पर थे फंडिंग की तलाश जोर-शोर से थी. हमें मदद मिली और वहां से एक अच्छी टीम का निर्माण हुआ. सिनेमैटोग्राफर जमर्नी से हैं, कह लें एक ग्लोबल लेवल पर हमारे साथ कई क्रिएटिव लोग जुड़ चुके थे. हमने सोचा नहीं था कि ये संभव हो पाएगा. वैसे जब शूटिंग शुरू हुई, तो पूरी टीम को कोविड हो गया था. तब हमें शूटिंग रोकनी पड़ी थी. मार्च के वक्त दिल्ली का बुरा हाल था. तो उस वक्त सभी क्रू मेंबर्स को वापस जाना पड़ा था. उसके बाद जब कोराना खत्म हुआ, तो टीम वापस आई और फिर हमने दोबारा शूट किया था. बहुत अप्स एंड डाउन रहे थे. पर्सनली भी क्रू के लिए मुश्किलें थीं. 2021 में शॉनक के पापा की अचानक से डेथ हो गई थी. हम अपने फंडर्स और को-प्रॉड्यूसर्स को दिल से धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हम पर विश्वास किया और इतना बड़ा रिस्क लिया था. शूटिंग के दौरान हमने दस लोगों के साथ मिलकर यह डॉक्यूमेंट्री पूरी की थी.

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शॉनक से इस पर बात हुई. उनका क्या रिएक्शन था?

बता दें कि वो अभी इंडिया में नहीं है. वो स्क्रीनिंग की वजह से यूनाइटेड स्टेट में हैं. कुछ समय के लिए वो विदेश में ही होगा. नॉमिनेशन आने के बाद हमने फोन पर बात की लेकिन दोनों ही खुशी से शब्दहीन थे. हम खुश हैं कि हमारे देश के तीन प्रोजेक्ट्स ग्लोबल लेवल पर आज खड़े हैं. पिछले कुछ सालों में देखें तो इंडियन नॉन फिक्शन के लिए यह अच्छा वक्त चल रहा है. हर साल कोई न कोई फिल्म इंटरनेशनल लेवल पर काफी कुछ अचीव कर रही है. हमें इस अचीवमेंट का हिस्सा बनकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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