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भोजपुरी गानों में अश्लीलता के खिलाफ पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक्शन में बिहार पुलिस, इस युवा वकील ने चार साल तक लड़ी लड़ाई

Bhojpuri Songs: अविनाश कुमार ने बताया कि सेंसर बोर्ड की तरह कोई बोर्ड या लाइसेंसिंग बॉडी नहीं होने के कारण ऐसे गानों पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है.

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वकील अविनाश कुमार (बाएं), पवन सिंह और खेसारी लाल यादव

Bhojpuri Songs: भोजपुरी गानों में अश्लीलता परोसे जाने को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं, लेकिन इस पर लगाम लगाने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका था. भोजपुरी गानों में इसी अश्लीलता के खिलाफ बिहार के युवा वकील अविनाश कुमार ने आवाज उठाई और 4 सालों तक वह ये लड़ाई लड़ते रहे, जिसके बाद अब पटना हाई कोर्ट ने बिहार पुलिस को ऐसे अश्लील गानों के गायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से हाल ही में एक एडवायजरी जारी की गई है जिसमें जिला के पुलिस कप्तान और डीएम से जातिसूचक और अश्लील गीत गाने वाले भोजपुरी गायकों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा गया है. दरअसल, पटना हाई कोर्ट ने ‘अविनाश कुमार बनाम स्टेट’ एक जनहित याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद बिहार पुलिस को भोजपुरी गानों में अश्लीलता परोसने वाले गायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

अविनाश कुमार ने लड़ी लंबी लड़ाई

अविनाश कुमार ने भोजपुरी में अश्लीलता के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है. युवा वकील अविनाश कुमार ने इस मामले को 2019 में बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से लेकर सीएम नीतीश कुमार तक के सामने उठाया था. उन्होंने खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, रितेश पांडेय समेत कई भोजपुरी गायकों के 40 भोजपुरी गानों की लिस्ट भी अटैच कर सौंपी थी, लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. तब जाकर अविनाश कुमार ने पटना हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की और बिहार सरकार को पक्षकार बनाया. हाई कोर्ट में इस मामले पर लंबी सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने पटना के एसएसपी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

बिहार पुलिस की तरफ से एडवाइजरी जारी किए जाने पर अविनाश कुमार ने भारत एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “मैंने भोजपुरी फिल्मों में गानों के रूप में परोसी जा रही अश्लीलता की तरफ तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का ध्यान आकर्षित किया था.”

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लाखों की संख्या में मिल जाते हैं व्यूज

युवा वकील ने कहा, “भोजपुरी गाने के नाम पर कोई भी नया सिंगर द्विअर्थी और अश्लील शब्दों के साथ यूट्यूब पर कुछ भी अपलोड कर देता है और देखते ही देखते उसे लाखों व्यूज मिल जाते हैं. इन गानों को लाखों की सख्या में व्यूज मिल जाते हैं, जिससे ऐसे सिंगर्स बिना किसी रोक-टोक के इसी तरह के अश्लील कॉन्टेंट परोसने में हिचकते नहीं हैं.भोजपुरी साहित्य का इतिहास बहुत समृद्ध रहा है लेकिन ऐसे गानों के कारण ही आज भोजपुरी को हीनभावना से देखा जाता है.”

अविनाश कुमार ने बताया कि सेंसर बोर्ड की तरह कोई बोर्ड या लाइसेंसिंग बॉडी नहीं होने के कारण ऐसे गानों पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है. ऐसे ही कुछ गानों का जिक्र करते हुए वे कहते हैं, “इन गानों में परोसी गई अश्लीलता के कारण ही भोजपुरी भाषी समाज को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. गाने के नाम पर भूहड़ता कहीं से भी जायज नहीं है.”

-भारत एक्सप्रेस

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