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हयात रीजेंसी के मालिकों ने की 16 करोड़ की धोखाधड़ी, पुलिस पर लगा आरोपियों को बचाने का आरोप

अपने साथ हुई करोड़ों की ठगी से परेशान शिवराज गुप्ता ने 28 दिसंबर 2021 को पुलिस आयुक्त से इस मामले की शिकायत कर दी.

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हयात रीजेंसी

दिल्ली पुलिस की EOW ने होटल हयात रीजेंसी के मालिक शिव कुमार जटिया, उसके बेटे अमृतेश जटिया और CA पर एक सीनियर सिटीजन के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज किया. आरोप है कि एक IPS अधिकारी ने सुनियोजित तरीके सफेदपोश रसूखदारों को बचाने के लिए उनकी गिरफ्तारी तक नहीं होने दी.

हयात रीजेंसी होटल के मालिक ने अपने बेटे और चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ मिलकर एक सीनियर सिटीजन से करीब 16 करोड रुपए ठग लिए. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया. लेकिन करोड़ों रुपए की जालसाजी के इस मामले में रसूखदार आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया. बिना किसी को गिरफ्तार किए अदालत में चार्ज शीट भी दाखिल कर दी गई. इस मामले में एक आईपीएस अधिकारी पर आरोपियों की मदद करने का आरोप लग रहा है.

ख्वाब दिखाकर दिया ठगी को अंजाम

उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार सीनियर सिटीजन शिवराज कृष्ण गुप्ता अपने परिवार के साथ दक्षिणी दिल्ली इलाके में रहते हैं. फरवरी 2015 में पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट गिरीश सरीन ने उनसे संपर्क किया. उसने बताया की होटल हयात रीजेंसी के मालिक शिव कुमार जटिया अपनी कंपनी लीडिंग होटल्स लिमिटेड में माध्यम से नार्थ गोवा के तिराकल गांव में करीब 245 एकड़ क्षेत्र में एक आलीशान आवासीय योजना को तैयार कर रहे हैं. USA की नामी फोर सीज़न्स चेन के साथ इस योजना के तहत 18 होल का चैम्पियनशिप गोल्फ कोर्स भी बनेगा. साथ ही यहां 125 स्टैंडर्ड और 60 लग्जरी कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं. जिनके लिए तमाम अनुमति आदि ले ली गई हैं. यह विला चुनिंदा लोगों को भी बेची जाएंगी, शिव कुमार जटिया ने चुनिंदा लोगों में आपको भी चुना है.

वसूल लिए दस करोड़ रुपए

सरीन ने शिवराज गुप्ता से कहा कि किस्मत बार-बार दस्तक नहीं देती. आप इसमें लग्जरी विला बुक कर लीजिए. उन्होंने सरीन पर यकीन कर दस करोड़ रुपए के चैक देकर विला बुक कर लिया. जिसकी एवज में उन्हें 30 और 31 जुलाई 2015 को एग्रीमेंट लेटर भी दे दिया गया. जिसके तहत लग्जरी विला संख्या 24 उनके नाम से आवंटित कर दी गई थी. यह विला 31 जुलाई 2019 तक तैयार करके गुप्ता को दी जानी थी. इस दौरान उन्हें यह भी बताया गया कि विला का कब्ज़ा मिलने तक उन्हें सालाना 12.5 फीसदी रिटर्न भी मिलता रहेगा.

फिर वसूले करीब साढ़े सात करोड़ रुपए

गुप्ता ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि जनवरी 2017 में सरीन फिर से उनसे मिला और कहा की शिव कुमार जटिया और उनका बेटा इस परियोजना पर बहुत मेहनत कर रहे हैं. लेकिन कुछ कारणों से आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यदि आप 7.45 करोड़ रुपए, शॉर्ट- टर्म लोन के तौर पर ओर दे दें तो काम जल्दी हो जाएगा. इसके बदले आपको सालाना 12.5 फीसदी की दर से रिटर्न भी दिया जाएगा. गुप्ता ने जनवरी 2017 से अगस्त 2018 तक चैक के माध्यम से उन्हें से इस राशि का भुगतान कर दिया. जिसमे से 2.05 करोड़ रुपए बाद में उन्होंने लौटा दिए.

पता लग गया कि ठगी हुई है

बाद में गुप्ता को पता चला कि जिस विला के नाम पर उनसे करीब 16 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं, वहां तो उनका निर्माण ही नहीं हो रहा है. क्योंकि कानूनी विवाद के कारण NGT ने प्रोजेक्ट अटैच कर रखा था. खुद जटिया के नेतृत्व वाली एशियन होटल्स नार्थ इंडिया की 2014-15 और 2019-20 की डायरेक्टर रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख था. इस बारे में सवाल पूछने पर जटिया ने अपने बेटे और सरीन की मौजूदगी में उन्हें आश्वस्त किया कि उनका पैसा सुरक्षित है और उसने जून 2020 में गुप्ता को सिक्योरिटी के तौर पर उनके द्वारा दी गई राशि और ब्याज जोड़कर एडवांस चैक दे दिए.

जानकारी पाकर उड़ गए होश

लेकिन अपने जीवन-भर की पूंजी खतरे में जाते देख गुप्ता ने जानकारी जुटाई तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि गोवा की साइट पर वाकई में कोई निर्माण नहीं हो रहा था. तब उन्होंने सिक्योरिटी के तौर पर मिले चैक जनवरी और मार्च 2021 में बैंक में डाले तो प[पता लगा कि चैक पेमेंट स्टॉप कराकर, बैंक खाता बंद कराया जा चुका है.

दिसंबर 2021 में की शिकायत

अपने साथ हुई करोड़ों की ठगी से परेशान शिवराज गुप्ता ने 28 दिसंबर 2021 को पुलिस आयुक्त से इस मामले की शिकायत कर दी. प्रारंभिक जांच के बाद 18 जनवरी 2022 को EOW ने इस बाबत IPC की धारा 406, 420 और 120B के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी. इस दौरान EOW के तत्कालीन विशेष आयुक्त को दिल्ली पुलिस से पदमुक्त कर दिया गया और विभाग के मुखिया की जिम्मेदारी संयुक्त पुलिस आयुक्त छाया शर्मा को मिल गई.

EOW पर भी आरोप

हैरानी की बात है कि EOW ने इस मामले में एक भी आरोपों को गिरफ्तार नहीं किया. उसने हैरतअंगेज तरीके से मामला दर्ज होने के महज आठ महीने के भीतर अगस्त 2022 में अदालत के समक्ष अभियोग पत्र दाखिल कर दिया. आरोप है कि संयुक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात एक IPS अधिकारी ने इस मामले के आरोपियों की मदद की है. यही वजह है कि इस मामले में तमाम सबूतों के बावजूद किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया. सूत्रों की मानें तो EOW ने इस मामले में सफेदपोश रसूखदारों की मदद करने के लिए बड़ा खेल किया है.

कौन है शिव कुमार जटिया और सरीन

दर्ज मुकदमे के अनुसार, शिव कुमार जटिया दिल्ली के मशहूर होटल हयात रीजेंसी का संचालन करने वाली कंपनी एशियन होटल नार्थ इंडिया के निदेशक हैं. इनका बेटा अमृतेश जटिया भी कंपनी में निदेशक है. इन्होंने एक अन्य कंपनी लीडिंग होटल लिमिटेड के माध्यम से गोवा की परियोजना तैयार की थी. योजना का बजट करीब 505 करोड़ रुपए रखा गया था. चार्टेड एकाउंटेंट गिरीश सरीन इनका फंड एडवाइजर होने के साथ ही फंड जुटाने का काम भी करता है. जिसकी एवज में उसे कंपनी से भुगतान भी किया जाता है.

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