लोकतंत्र में जानने का अधिकार
‘इलेक्टोरल बांड्स’ पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एक अच्छी पहल माना जा रहा है। इस आदेश से चुनावों में मिलने वाली सहयोग राशि पर पारदर्शिता दिखाई देगी।
संदेशखाली से बंगाल की सियासत में उफान, आखिर दोषी कौन?
R.J.D के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने बयान देते हुए कहा कि,"ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार करती हैं, भले ही वे विपक्ष या भाजपा शासित राज्य में हों।"
प्रतिकूल कब्जे पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
जब भी कभी हम कोई मकान या ज़मीन ख़रीदते हैं तो इस बात को सुनिश्चित कर लेते हैं कि जो भी व्यक्ति हमें अपना मकान या अपनी ज़मीन बेच रहा है वही उसका मालिक है.
यह आकाशवाणी है…और आप सुन रहे हैं…कहानी रेडियो के सफर की
जब से प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम शुरू हुआ ,रेडियो ने एक बार फिर सबके दरवाजे खटखटाने शुरू कर दिये हैं।
‘मुझे खुश कर दो, तुम टॉप कर सकती हो..’, यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ऐसे करता था छात्रा को तंग, अपने बच्चों को रखें सतर्क
हाल में ही एक हृदय विदारक खबर गोरखपुर विश्वविद्यालय से आई। एक छात्रा को उसके प्रोफ़ेसर ने गंदी बातें कहीं, साथ ही उसका भविष्य खराब करने की धमकियां दीं। यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में है।
गुमनाम सिपाहियों को सलाम
Analysis by Rajneesh Kapoor: किसी विशिष्ट व्यक्ति को अस्पताल में आना होता है तो उसका एक प्रोटोकॉल होता है, जिसका पालन वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में करते हैं. परंतु अस्पताल में आने वाला हर व्यक्ति यदि ख़ुद को वीआईपी समझे और इन सुरक्षाकर्मियों को अपना सेवक तो यह ठीक नहीं.
Harda Factory Blast: तस्वीरें विचलित करती हैं तो सवाल भी पूछती हैं कि इस खौफनाक मंजर के दोषी कौन?
हरदा में धामके के बाद से ही हर तरफ मौत और खून का मंजर है. लोगों ने इस धामाके में अपनों को खोया है. वहीं कई अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
हरदा धमाके के बाद नींद से जागा प्रशासन, हो रही बड़े पैमाने पर कार्रवाई, सवाल फिर भी रहेगा कि आखिर सोया ही क्यों?
Harda Factory Blast: हादसे के बाद जो दर्दनाक खबरे निकल कर आ रही हैं वो दिल दहलाने वाली हैं. किसी ने इस बड़ी घटना में अपना भाई खोया तो किसी ने पति.
इंडिया एलायंस क्यों बिखरा ?
‘इंडिया’ एलायंस के घटक दलों ने इतना भी अनुशासन नहीं रखा कि वे दूसरे दलों पर नकारात्मक बयानबाजी न करें। जिसका ग़लत संदेश गया। इस एलायंस के बनते ही सीटों के बंटवारे का काम हो जाना चाहिए था। जिससे उम्मीदवारों को अपने-अपने क्षेत्र में जनसंपर्क करने के लिए काफी समय मिल जाता।
नीतीश कुमार: कोई तो कारण होगा… यूं ही कोई बेवफ़ा नहीं होता
बिहार में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे के कारणों में जहां एक ओर ‘इंडिया’ गठबंधन में न होने वाले समझौते हैं। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ नेताओं में किसी न किसी तरह का ‘ख़ौफ़’ भी है।