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फंक्शनल रैंक के एसीपी को ‘अछूत’ मानने वाली दिल्ली पुलिस फंक्शनल इंस्पेक्टर्स पर मेहरबान

दिल्ली पुलिस के इतिहास में शायद पहला मौका है कि पुलिस आयुक्त के आदेश के बावजूद राजधानी के एक चौथाई से ज्यादा ट्रैफिक सर्किल में ऐसे इंस्पेक्टर तैनात कर दिए गए हैं, जिनका कानूनी तौर पर वजूद ही नहीं है !

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दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस आयुक्त के सर्कुलर को दरकिनार कर फंक्शनल रैंक के इंस्पेक्टरों को यातायात निरीक्षक के पदों पर तैनात कर दिया गया है. दिल्ली यातायात पुलिस में कार्यरत करीब 75 में से 25 इंस्पेक्टर उस फंक्शनल रैंक के हैं, जिनके कानूनी वजूद को खुद महकमा स्वीकार नहीं कर रहा. हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से 16 इंस्पेक्टरों की तैनाती विभिन्न सर्किलों में बतौर यातायात निरीक्षक कर दी गई है. इनमें से दो फंक्शनल इंस्पेक्टर तो दो-दो सर्किल का काम संभाल रहे हैं.

क्या है फंक्शनल रैंक

दिल्ली पुलिस में बीते साल पहली बार बड़ी तादाद में पुलिस कर्मियों को फंक्शनल रैंक के तौर पर पदोन्नति दी गई थी. लेकिन कानून के तहत बहुत से मामलों में स्थाई तौर पर कार्यरत अधिकारी ही संवेदनशील दायित्वों को पूरा कर सकता है. उससे नीचे के स्तर के पुलिस कर्मी या अधिकारी को यह जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती. यही वजह है कि कानूनी सवाल उठने पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने 10 जनवरी को एक सर्कुलर जारी कर फंक्शनल रैंक के अफसरों को स्थाई पदों से संबंधित कार्यों से दूर रखने का आदेश दिया था.

आदेश को नहीं दी तवज्जो

यातायात पुलिस अपने ही आयुक्त के आदेश को तवज्जो नहीं दे रही है. सूत्रों के अनुसार यातायात पुलिस में फिलहाल फंक्शनल रैंक में पदोन्नत 25 यातायात निरीक्षक काम कर रहे हैं. जिनमें से 16 इंस्पेक्टरों के जिम्मे दिल्ली के 69 में 18 सर्किल सौंपे गए हैं.

यहां तैनात है फंक्शनल अफसर

फिलहाल भजनपुरा में मुकेश राणा, महरौली में विकास पिलानिया, मयूर विहार में राहुल कुमार, मधु विहार में पंकज कुमार, सरिता विहार में सोहन लाल बिजरिया, तिलक नगर में सुशील सांवरिया, कालकाजी में अशोक कुमार, न्यू फ्रैंड्स कालोनी में नितेश कुमार, पार्लियामेंट स्ट्रीट में परवीन बड़सरा, पश्चिम विहार में सुखीराम, संगम विहार में मुकेश कुमार, सीलमपुर में संजीव कुमार, सदर बाजार में सर्वेश कुमार
और तिमारपुर में संजय यातायात निरीक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं.

दो-दो सर्किल भी देख रहे फंक्शनल निरीक्षक

इतना ही नहीं फंक्शनल रैंक के दो निरीक्षकों को दो-दो सर्किल का काम भी सौंप दिया गया है. इनमें वीरेंद्र कुमार को अमन विहार और बेगमपुर तथा संदीप कुमार को सुभाष पैलेस और शालीमार बाग सर्किल का निरीक्षक नियुक्त कर रखा है. इतना ही नहीं फंक्शनल रैंक के ही पदम सिंह को बतौर यातायात निरीक्षक G-20 का काम सौंपा गया है.

और भी हैं कृपा पात्र

यातायात पुलिस में कुछ ऐसे स्थाई निरीक्षक भी हैं जिन पर आला अधिकारी पूरी तरह मेहरबान हैं. इनमें निरीक्षक वेद प्रकाश को तीन सर्किल बवाना, नरेला और समय पुर बादली, हुकुम सिंह को अशोक विहार और मॉडल टाउन, मोहिंदर सिंह को छावला और नजफगढ़, अजय प्रताप सिंह को गाँधी नगर और विवेक विहार, महावीर को मंगोलपुरी और सुल्तानपुरी, तथा सतेंद्र पुनिया को नांगलोई और राजौरी गार्डन जैसे दो-दो सर्किल का काम सौंप रखा है.

क्या कहता है महकमा

फंक्शनल ACP को अहम जिम्मेदारियों से दूर रखने वाला महकमा फंक्शनल रैंक के इंस्पेक्टरों के मामले में अलग नजरिया रखता है. पुलिस प्रवक्ता DCP सुमन नलवा कहती हैं कि यातायात पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा है कि फंक्शनल रैंक के इंस्पेक्टर बतौर यातायात निरीक्षक काम कर सकते हैं. इसमें कहीं कोई कानूनी बाधा नहीं है.

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